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दिल्ली और उत्तर भारत में भारी कोहरा: मौसम की चेतावनी और प्रभाव

सर्दियों का मौसम जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, उत्तर भारत खासकर दिल्ली और आसपास के क्षेत्र घने कोहरे की चादर में लिपट गए हैं। यह कोहरा न केवल सुंदर लगता है, बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी, यातायात, स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डालता है। दिसंबर 2025 में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कई चेतावनियां जारी की हैं, जिसमें घने से बहुत घने कोहरे की स्थिति कई दिनों तक बने रहने की संभावना जताई गई है। इस लेख में हम दिल्ली और उत्तर भारत के मौजूदा कोहरे के संकट पर गहराई से चर्चा करेंगे – इसके कारण, प्रभाव, ऐतिहासिक संदर्भ और इन धुंध भरे दिनों में सुरक्षित रहने के व्यावहारिक सुझाव। हालिया मौसम रिपोर्ट्स और विशेषज्ञ विश्लेषणों के आधार पर समझेंगे कि यह कोहरा सिर्फ मौसमी घटना नहीं, बल्कि मौसम विज्ञान, प्रदूषण और मानवीय गतिविधियों का जटिल मिश्रण है।

दिल्ली और उत्तर भारत में मौजूदा कोहरे की स्थिति

17 दिसंबर 2025 तक, दिल्ली और उत्तर भारत के बड़े हिस्से इस मौसम के सबसे घने कोहरे के दौर से गुजर रहे हैं। दृश्यता कई जगहों पर शून्य के करीब पहुंच गई है। IMD की रिपोर्ट्स के अनुसार, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान व बिहार के कुछ हिस्सों में घना कोहरा छाया हुआ है। दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दृश्यता कई बार 500 मीटर से नीचे दर्ज की गई, जबकि अमृतसर जैसे उत्तरी हवाई अड्डों पर यह शून्य तक पहुंची। इससे व्यापक व्यवधान हुए हैं - दिल्ली में ही 16 दिसंबर को सैकड़ों उड़ानें रद्द या विलंबित हुईं।

यह कोहरा सिर्फ राजधानी तक सीमित नहीं है; यह पूरे इंडो-गंगा मैदान को प्रभावित कर रहा है। सैटेलाइट इमेजरी और ग्राउंड रिपोर्ट्स से हिमालय की तलहटी से मैदानों तक फैली धुंध की मोटी परत दिखाई दे रही है, जो शांत हवाओं और उच्च नमी के कारण बनी हुई है। IMD के 16 दिसंबर 2025 के प्रेस रिलीज के अनुसार, 17 से 21 दिसंबर तक उत्तर-पश्चिम और उत्तर-पूर्व भारत के अलग-अलग हिस्सों में सुबह के समय घना कोहरा बना रहेगा। इसमें उत्तर प्रदेश और पंजाब के कुछ हिस्सों में बहुत घना कोहरा (50 मीटर से कम दृश्यता) और दिल्ली-एनसीआर में मध्यम कोहरा (50-200 मीटर) शामिल है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर निवासियों और अधिकारियों के रीयल-टाइम अपडेट्स भरे पड़े हैं। IMD के आधिकारिक हैंडल से सड़क, रेल और हवाई यात्रा में जोखिम की चेतावनी जारी की गई है। दिल्ली के लोग इंडिया गेट जैसे लैंडमार्क के धुंध में गायब होने की तस्वीरें शेयर कर रहे हैं, जबकि यात्री विलंबित ट्रेनों और रद्द उड़ानों की दर्दनाक कहानियां सुना रहे हैं। एक न्यूज आउटलेट की पोस्ट में बताया गया कि कोहरे के साथ स्मॉग मिलकर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) को 'गंभीर' श्रेणी में पहुंचा दिया है, कई जगहों पर 400 से ऊपर रीडिंग दर्ज की गई।

इस साल का कोहरा विशेष रूप से तीव्र लग रहा है क्योंकि सर्दी का आगमन देर से हुआ और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने व दिवाली पटाखों से बचा प्रदूषण अभी भी हवा में है। दिसंबर उत्तर भारत में आमतौर पर कोहरेदार होता है, लेकिन 2025 का यह दौर अपनी निरंतरता और जहरीले स्मॉग की अतिरिक्त परत के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट बन गया है।

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उत्तर भारत में घने कोहरे के कारण

कोहरे का निर्माण एक प्राकृतिक मौसम प्रक्रिया है, लेकिन उत्तर भारत में यह भौगोलिक और मानव-निर्मित कारकों से बढ़ जाता है। मूल रूप से, कोहरा तब बनता है जब नम हवा अपने ओस बिंदु तक ठंडी हो जाती है और जलवाष्प छोटी बूंदों में संघनित होकर हवा में निलंबित रहती है, जिससे दृश्यता कम हो जाती है। सर्दियों में रात के स्पष्ट आकाश से पृथ्वी की सतह से गर्मी का विकिरण (रेडिएटिव कूलिंग) इस ठंडक का मुख्य कारण होता है।

दिल्ली और उत्तर भारत में योगदान देने वाले मुख्य कारक:

  1. भौगोलिक प्रभाव: इंडो-गंगा मैदान एक समतल, उपजाऊ क्षेत्र है जो उत्तर में हिमालय से घिरा है। सर्दियों में हिमालय से ठंडी हवा मैदानों में उतरती है और गंगा-यमुना जैसी नदियों से नमी को फंसा लेती है। इससे इनवर्जन लेयर बनती है जहां ऊपरी गर्म हवा नीचे की ठंडी हवा को फैलने नहीं देती।
  2. मौसमी पैटर्न: पश्चिमी विक्षोभ (मेडिटेरेनियन से आने वाले कम दबाव के सिस्टम) सर्दियों में नमी लाते हैं लेकिन वातावरण को स्थिर भी बनाते हैं। दिसंबर 2025 में हवाओं की कमी से कोहरा लंबे समय तक बना हुआ है।
  3. प्रदूषण और स्मॉग: सामान्य कोहरे को खतरनाक बनाने वाला तत्व वाहनों, उद्योगों, निर्माण धूल और पंजाब-हरियाणा में पराली जलाने से निकले पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5 और PM10) का उच्च स्तर है। ये कण जल बूंदों के लिए नाभिक का काम करते हैं और कोहरे को गहरा बनाते हैं। दिल्ली का AQI खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है, जिससे उड़ानें रद्द हो रही हैं।
  4. जलवायु परिवर्तन के कारक: वैश्विक तापमान वृद्धि से मौसम पैटर्न बदल रहे हैं। गर्म सर्दियां अधिक नमी लाती हैं, जो अचानक ठंडक के साथ घना कोहरा बनाती है। अध्ययनों से पता चलता है कि पिछले दशक में उत्तर भारत में कोहरे के दिन बढ़े हैं।

IMD विशेषज्ञों का कहना है कि 2025 की तीव्रता 'गर्म दिसंबर' विसंगति से जुड़ी है, जहां न्यूनतम तापमान अपेक्षित से कम नहीं गिरा लेकिन बंगाल की खाड़ी से हालिया चक्रवातों की नमी से कोहरा बना। यह स्थानीय और वैश्विक कारकों का मिलन दिखाता है।

IMD की मौसम चेतावनियां और पूर्वानुमान

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ऐसे मौसम घटनाओं की निगरानी और चेतावनी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दिसंबर 2025 के लिए IMD ने दिल्ली में घने कोहरे के लिए 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है, जो यातायात और दैनिक गतिविधियों पर बड़े असर की चेतावनी देता है।

मुख्य बिंदु:

  • घना कोहरा सलाह: 16 से 19 दिसंबर तक पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बहुत घना कोहरा।
  • शीत लहर की स्थिति: कोहरे के साथ हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान के कुछ हिस्सों में शीत लहर, ऊपरी इलाकों में बर्फबारी संभावित।
  • विस्तारित पूर्वानुमान: दिसंबर के अंत तक कोहरे की स्थिति बनी रहेगी, अगर हवाएं शांत रहीं तो बहुत घने एपिसोड हो सकते हैं।

सिविल एविएशन मंत्रालय ने भी इन चेतावनियों को दोहराया है और उत्तरी हवाई अड्डों पर यात्रियों को उड़ान स्थिति जांचने की सलाह दी है। दिल्ली के IGI जैसे हवाई अड्डों ने कम दृश्यता प्रक्रियाएं लागू की हैं, लेकिन विलंब जारी हैं।

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कोहरे के अलावा, IMD ने शीत लहर का जोखिम नोट किया है, जहां दिल्ली में तापमान 10°C से नीचे जा सकता है, जो कोहरे में ठंडक को और बढ़ाता है। ये चेतावनियां ऐप्स, सोशल मीडिया और न्यूज चैनलों से प्रसारित की जा रही हैं।

यातायात और दैनिक जीवन पर प्रभाव

घने कोहरे ने उत्तर भारत में यातायात को अस्त-व्यस्त कर दिया है। हवाई यात्रा सबसे ज्यादा प्रभावित है - दिल्ली हवाई अड्डे पर सैकड़ों विलंब और रद्दीकरण। 16 दिसंबर को उत्तरी व्यवधानों के कारण हैदराबाद जैसे दक्षिणी हवाई अड्डों पर भी असर पड़ा। इंडिगो और एयर इंडिया जैसी एयरलाइंस ने सलाह जारी की हैं।

सड़क और रेल नेटवर्क भी प्रभावित हैं। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे जैसे हाईवे पर कम दृश्यता से दुर्घटनाएं बढ़ी हैं। वंदे भारत जैसी प्रीमियम ट्रेनें घंटों विलंबित हैं।

दैनिक जीवन ठप हो गया है: दिल्ली-एनसीआर के स्कूल ऑनलाइन मोड में शिफ्ट हुए, बाजार देर से खुल रहे हैं और आउटडोर गतिविधियां रुकी हुई हैं। एविएशन में ही दैनिक करोड़ों का नुकसान हो रहा है।

कोहरे और स्मॉग के स्वास्थ्य प्रभाव

दृश्यता से परे असली खतरा स्वास्थ्य पर है। कोहरा-स्मॉग का मिश्रण फेफड़ों में गहराई तक प्रदूषक पहुंचाता है, जिससे श्वसन समस्याएं, आंखों में जलन और अस्थमा जैसी स्थिति बढ़ जाती हैं। बच्चे, बुजुर्ग और पहले से बीमार लोग ज्यादा जोखिम में हैं।

दिल्ली में AQI 400 पार कर 'गंभीर' श्रेणी में है, जिससे मास्क अनिवार्य और घर में रहने की सलाह दी गई है। लंबे संपर्क से हृदय रोग बढ़ सकते हैं, सर्दियों में अस्पताल में भर्ती बढ़ रही हैं।

आर्थिक और पर्यावरणीय परिणाम

आर्थिक रूप से कोहरा सप्लाई चेन बाधित करता है, कृषि (देर से फसल कटाई) और उद्योग प्रभावित। आगरा जैसे पर्यटन स्थलों पर विजिटर कम।

पर्यावरणीय रूप से यह प्रदूषण समस्या उजागर करता है। पराली जलाना सर्दी प्रदूषण का 20-30% योगदान देता है। GRAP जैसे प्रयास हैं लेकिन लागू करना चुनौतीपूर्ण।

उत्तर भारत में कोहरे का ऐतिहासिक संदर्भ

उत्तर भारत में कोहरा सदियों से है, लेकिन तीव्रता बढ़ी है। 2019 में 20+ कोहरे के दिन, 2024 तक 25+। IMD डेटा से शहरीकरण और प्रदूषण से लंबे, घने कोहरे का ट्रेंड दिखता है।

2016 की कोहरे से बड़ी ट्रेन दुर्घटना जैसे घटनाएं कमजोरियों को उजागर करती हैं।

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जलवायु परिवर्तन से संबंध

वैज्ञानिकों का कहना है कि गर्म ट्रेंड कोहरा अनियमित बना रहे हैं। अनियमित मानसून से अधिक नमी सर्दी में घना कोहरा लाती है। 2023 IPCC रिपोर्ट से दक्षिण एशिया में 2050 तक 20% अधिक कोहरे के दिन संभावित।

2025 में गर्म दिसंबर (2-3°C ऊपर) ने शीत लहर देर की लेकिन ठंडक आने पर कोहरा तीव्र किया।

सुरक्षा टिप्स और उपाय

कोहरे में सुरक्षित रहने के लिए:

  • ड्राइविंग: फॉग लाइट्स इस्तेमाल करें, दूरी बनाए रखें, स्पीड कम।
  • स्वास्थ्य: मास्क पहनें, एयर प्यूरीफायर यूज करें, बाहर कम निकलें।
  • यात्रा: ऐप्स से अपडेट चेक करें, जरूरी सामान रखें।

सरकारी उपायों में एंटी-स्मॉग गन, सड़क स्प्रिंकलर और 72 घंटे में गड्ढे भराई शामिल।

व्यक्तिगत कहानियां: गुरुग्राम का एक कम्यूटर कहता है, "कोहरा इतना घना था कि हाथ नहीं दिख रहा था। 30 मिनट का सफर दो घंटे लगा।" पंजाब का किसान: "पराली जरूरी है लेकिन बेहतर विकल्प चाहिए।"

भविष्य का दृष्टिकोण और समाधान

IMD के अनुसार दिसंबर अंत तक राहत मिल सकती है, लेकिन लंबे समाधान में उत्सर्जन कम करना, इलेक्ट्रिक वाहन और वनीकरण जरूरी। AI आधारित कोहरा पूर्वानुमान तकनीक मदद कर सकती है।

निष्कर्ष में, दिसंबर 2025 का दिल्ली और उत्तर भारत में भारी कोहरा प्रकृति की शक्ति और मानवीय प्रभावों का याद दिलाता है। चेतावनियों पर अमल और सतत प्रथाओं से हम इसके प्रभाव कम कर सकते हैं।

नोट: यह आज के दिन तक के मौसम डेटा पर आधारित है और नए अपडेट्स से बदल सकता है। नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोत देखें।

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