बुधवार, 28 मई 2025

ONDC vs Amazon vs Flipkart – क्या बदल जाएगा भारत का ई-कॉमर्स?

भारत का ई-कॉमर्स बाजार तेजी से विकसित हो रहा है। एक समय था जब ऑनलाइन शॉपिंग का मतलब सिर्फ Amazon और Flipkart जैसे बड़े प्लेटफॉर्म्स से था, लेकिन अब Open Network for Digital Commerce (ONDC) जैसे नए इनिशिएटिव्स ने इस क्षेत्र में क्रांति ला दी है। ONDC, जो भारत सरकार की एक पहल है, ई-कॉमर्स को लोकतांत्रिक बनाने का प्रयास कर रही है। यह लेख ONDC, Amazon और Flipkart की तुलना करेगा और चर्चा करेगा कि क्या ONDC भारत के ई-कॉमर्स को बदल सकता है। हम इन प्लेटफॉर्म्स के बिजनेस मॉडल, फायदे, चुनौतियां, बाजार प्रभाव और भविष्य की संभावनाओं पर गहराई से विचार करेंगे। इसके अलावा, हम कुछ वास्तविक उदाहरणों और बाजार के ट्रेंड्स को भी शामिल करेंगे ताकि पाठक को पूर्ण समझ मिल सके।

परिचय: भारत के ई-कॉमर्स का बदलता परिदृश्य

भारत में ई-कॉमर्स की शुरुआत 2000 के दशक में हुई, लेकिन असली उछाल 2010 के बाद आया जब स्मार्टफोन और इंटरनेट की पहुंच बढ़ी। आज, भारत का ई-कॉमर्स बाजार दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार बनने की राह पर है। 2026 तक यह बाजार 163 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है, जो 27% की वार्षिक चक्रवृद्धि दर से बढ़ रहा है। लेकिन इस बाजार पर Amazon और Flipkart जैसे विदेशी-समर्थित प्लेटफॉर्म्स का वर्चस्व है, जो कुल बाजार का 60-70% हिस्सा रखते हैं।

फिर आया ONDC – एक ओपन नेटवर्क जो ई-कॉमर्स को सभी के लिए सुलभ बनाने का दावा करता है। यह नेटवर्क छोटे विक्रेताओं को बड़े प्लेटफॉर्म्स के साथ प्रतिस्पर्धा करने का मौका देता है। सवाल यह है: क्या ONDC Amazon और Flipkart जैसे दिग्गजों को चुनौती दे सकता है? क्या यह भारत के ई-कॉमर्स को बदल देगा, जहां छोटे दुकानदार भी ऑनलाइन सफल हो सकें? इस लेख में हम इन सवालों का जवाब ढूंढेंगे, डेटा, उदाहरणों और विशेषज्ञ विश्लेषण के साथ।

ई-कॉमर्स का भविष्य सिर्फ सुविधा नहीं, बल्कि समावेशिता पर निर्भर है। ONDC का उदय इसी दिशा में एक कदम है, लेकिन क्या यह सफल होगा? आइए विस्तार से समझते हैं। इसके अलावा, हम देखेंगे कि कैसे महामारी के बाद का दौर और डिजिटल इंडिया अभियान ने ई-कॉमर्स को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। उदाहरण के लिए, 2020-2022 के दौरान ऑनलाइन खरीदारी में 3 गुना वृद्धि हुई, जिसने छोटे शहरों को भी मुख्यधारा में ला दिया।

ONDC क्या है? इतिहास, विशेषताएं और उद्देश्य

Open Network for Digital Commerce (ONDC) भारत सरकार के DPIIT (Department for Promotion of Industry and Internal Trade) द्वारा शुरू किया गया एक ओपन-सोर्स नेटवर्क है। यह 31 दिसंबर 2021 को शामिल किया गया था और इसका मुख्य उद्देश्य ई-कॉमर्स को डेमोक्रेटाइज करना है। ONDC कोई ऐप या प्लेटफॉर्म नहीं है, बल्कि एक प्रोटोकॉल है जो Beckn Protocol पर आधारित है। यह खरीदारों, विक्रेताओं और लॉजिस्टिक्स प्रोवाइडर्स को एक-दूसरे से कनेक्ट करता है, बिना किसी मध्यस्थ के।

इतिहास

ONDC की नींव 2021 में पड़ी जब सरकार ने ई-कॉमर्स में मोनोपॉली को तोड़ने के लिए एक एडवाइजरी काउंसिल बनाई। जुलाई 2021 में 9 सदस्यों वाली काउंसिल गठित हुई, जिसमें नंदन नीलेकणि जैसे विशेषज्ञ शामिल थे। अप्रैल 2022 में पायलट फेज शुरू हुआ, 5 शहरों (दिल्ली NCR, बेंगलुरु, भोपाल, शिलांग, कोयंबटूर) से। सितंबर 2022 में बेंगलुरु में पब्लिक बीटा लॉन्च हुआ। 2024 तक ONDC ने 3 करोड़ विक्रेताओं और 30 करोड़ खरीदारों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है।

2025 तक ONDC ने महत्वपूर्ण माइलस्टोन हासिल किए हैं: 1 लाख से ज्यादा विक्रेता जुड़े हैं, मासिक ऑर्डर 46 लाख तक पहुंचे हैं, हालांकि हाल में कुछ गिरावट आई है। सीईओ और अन्य प्रमुख पदों पर इस्तीफे हुए, लेकिन 150 करोड़ रुपये की सब्सिडी योजना से नई ऊर्जा आई है। इसके अलावा, ONDC ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है, जहां इसे डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का एक उदाहरण माना जा रहा है, जैसे UPI ने भुगतान क्षेत्र को बदला।

विशेषताएं

  • ओपन और इंटरऑपरेबल: कोई भी ऐप (जैसे Paytm, Magicpin) ONDC से जुड़ सकता है। खरीदार एक ऐप से किसी भी विक्रेता का सामान खरीद सकता है।
  • कम कमीशन: ONDC पर कमीशन 5-8% है, जबकि Amazon/Flipkart पर 25-35%
  • सेक्टर कवरेज: रिटेल, फूड डिलीवरी, मोबिलिटी, हॉस्पिटैलिटी तक विस्तार। उदाहरण: Namma Yatri जैसे राइड-हेलिंग ऐप्स।
  • MSME सपोर्ट: छोटे विक्रेताओं के लिए DigiReady Certification, जो डिजिटल रेडीनेस चेक करता है।
  • डेटा प्राइवेसी: UPI की तरह, डेटा सुरक्षित और गोपनीय रहता है।
अतिरिक्त फीचर्स: ONDC में हाइपर-लोकल सर्च की सुविधा है, जो उपयोगकर्ताओं को निकटतम विक्रेता से जोड़ती है, और यह पर्यावरण-अनुकूल लॉजिस्टिक्स को प्रोत्साहित करती है।

उद्देश्य

ONDC का मुख्य लक्ष्य छोटे रिटेलर्स को सशक्त बनाना है। भारत में 2 करोड़ से ज्यादा किराना स्टोर्स हैं, लेकिन वे Amazon/Flipkart पर मुश्किल से प्रतिस्पर्धा कर पाते हैं। ONDC उन्हें डिजिटल बाजार में लाकर मोनोपॉली तोड़ना चाहता है। 2025 की रिपोर्ट्स बताती हैं कि ONDC फैशन कैटेगरी में 26 लाख ऑर्डर कर चुका है, जो अप्रत्याशित सफलता है। इसके अलावा, ONDC कृषि क्षेत्र को भी मजबूत कर रहा है, जहां किसान सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंच सकते हैं, बिचौलियों को हटाकर।

ONDC ई-कॉमर्स को UPI जैसा बनाना चाहता है ओपन, सस्ता और सभी के लिए। लेकिन क्या यह Amazon और Flipkart को टक्कर दे सकता है? आइए देखें इन दिग्गजों को।

Amazon और Flipkart: भारत के ई-कॉमर्स दिग्गज

Amazon और Flipkart भारत के ई-कॉमर्स के दो स्तंभ हैं। दोनों ने बाजार को आकार दिया है, लेकिन उनके मॉडल अलग हैं।

Amazon का अवलोकन

Amazon ने 2013 में भारत में एंट्री की। आज, यह Flipkart के साथ बाजार का 60% हिस्सा रखता है। 2018 में Amazon ने Flipkart को राजस्व में पीछे छोड़ा, लेकिन 2020 में Flipkart ने दो गुना बिक्री से आगे निकल गया। Amazon का फोकस प्रीमियम यूजर्स पर है, जैसे Prime सदस्य जो तेज डिलीवरी और एंटरटेनमेंट पाते हैं।
  • बिजनेस मॉडल: मार्केटप्लेस मॉडल, जहां विक्रेता लिस्ट करते हैं और Amazon लॉजिस्टिक्स हैंडल करता है (FBA – Fulfillment by Amazon)
  • मार्केट शेयर: लगभग 31% (2018 डेटा)।
  • कमीशन: 25-35%, प्लस अन्य फीस।
  • नवाचार: Quick Commerce में एंट्री, जैसे Amazon Fresh2023 में ONDC से जुड़ा। इसके अलावा, Amazon ने AI-आधारित रेकमेंडेशन सिस्टम विकसित किए हैं जो उपयोगकर्ताओं की पसंद को समझकर बिक्री बढ़ाते हैं।
Amazon की ताकत उसकी ग्लोबल सप्लाई चेन और डेटा एनालिटिक्स में है, लेकिन भारत में FDI नियमों से चुनौतियां हैं। उदाहरण के लिए, Amazon ने छोटे विक्रेताओं के लिए विशेष कार्यक्रम शुरू किए, लेकिन उच्च फीस के कारण कई विक्रेता असंतुष्ट हैं।

Flipkart का अवलोकन

Flipkart की स्थापना 2007 में साचिन और बिन्नी बंसल ने की। शुरू में किताबें बेचीं, अब सब कुछ। 2018 में Walmart ने 16 बिलियन डॉलर में खरीदा। Flipkart का मार्केट शेयर 48% है, खासकर टियर-2 शहरों में।

  • बिजनेस मॉडल: मार्केटप्लेस, ग्रुप कंपनियां जैसे Myntra (फैशन), Shopsy (सोशल कॉमर्स)।
  • मार्केट शेयर: 48%, यूजर ग्रोथ 21% YoY
  • कमीशन: Amazon जैसा, 25-35%
  • नवाचार: Big Billion Days सेल, जो अक्टूबर में अरबों की बिक्री करती है। Supermart से क्विक ग्रोसरी डिलीवरी। Flipkart ने वॉइस सर्च और लोकल भाषाओं में सपोर्ट जोड़कर ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच बढ़ाई है।
Flipkart की ताकत लोकल ब्रांड्स और टियर-2/3 शहरों में है, लेकिन प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है। दोनों प्लेटफॉर्म्स ने ई-कॉमर्स को लोकप्रिय बनाया, लेकिन उच्च कमीशन से छोटे विक्रेताओं को नुकसान होता है। उदाहरण के लिए, एक छोटा फैशन विक्रेता Flipkart पर 30% कमीशन देने के बाद मुश्किल से मुनाफा कमा पाता है।

तुलना: ONDC vs Amazon vs Flipkart

आइए इन तीनों की प्रमुख पहलुओं में तुलना करें।

बिजनेस मॉडल

  • Amazon और Flipkart: क्लोज्ड इकोसिस्टम। यूजर्स उनके ऐप पर ही खरीद सकते हैं। विक्रेता प्लेटफॉर्म-डिपेंडेंट हैं।
  • ONDC: ओपन नेटवर्क। कोई भी ऐप (buyer/seller) जुड़ सकता है। उदाहरण: Paytm पर Flipkart का सामान दिख सकता है। यह इंटरऑपरेबिलिटी लाता है। ONDC का मॉडल अधिक लचीला है, जो विक्रेताओं को स्वतंत्रता देता है।
ONDC का मॉडल UPI जैसा है कोई मोनोपॉली नहीं।

कमीशन और लागत

  • Amazon/Flipkart: 25-35% कमीशन, प्लस शिपिंग, ऐड फीस। छोटे विक्रेताओं के लिए महंगा।
  • ONDC: 5-8% कमीशन, जनवरी 2025 से ₹1.5 प्रति ट्रांजेक्शन फी (₹250 से ऊपर के ऑर्डर पर)। इससे MSMEs को फायदा। ONDC पर विक्रेता 20% तक अधिक मुनाफा कमा सकते हैं, जो उन्हें निवेश करने की क्षमता देता है।

बाजार हिस्सेदारी और ग्रोथ

  • Amazon: 31% शेयर, 13% यूजर ग्रोथ।
  • Flipkart: 48% शेयर, 21% ग्रोथ। Meesho जैसी कंपनियां टियर-2 में चुनौती दे रही हैं।
ONDC: अभी छोटा, लेकिन 2025 में 1 लाख विक्रेता। मासिक ऑर्डर 46 लाख, फैशन में 26 लाख। ग्रोथ तेज, लेकिन Amazon/Flipkart के 9.2 बिलियन GMV (2021 फेस्टिव सीजन) से दूर। ONDC की ग्रोथ में योगदान देने वाले कारक में सरकारी समर्थन और स्टार्टअप इकोसिस्टम शामिल हैं।

यूजर एक्सपीरियंस

  • Amazon: Prime से तेज डिलीवरी (1-2 दिन), लेकिन क्लटर-फ्री UI
  • Flipkart: सरल चेकआउट, लोकल ब्रांड्स पर फोकस। औसत 10 आइटम प्रति ऑर्डर।
  • ONDC: मल्टी-प्लेटफॉर्म, लेकिन शुरुआती चरण में UI/UX में कमी। हालांकि, हाइपर-लोकल सर्च से फायदा। ONDC में उपयोगकर्ता को अधिक विकल्प मिलते हैं, लेकिन एकीकृत अनुभव की कमी है।

लॉजिस्टिक्स और डिलीवरी

  • Amazon: ATS (Amazon Transportation Services), Prime से 1-2 दिन।
  • Flipkart: Ekart, Supermart से 45 मिनट डिलीवरी।
  • ONDC: विक्रेता खुद चुन सकता है (Delhivery, Ekart)2025 में Amazon vs ONDC लॉजिस्टिक्स की तुलना में ONDC तेज और सस्ता साबित हो सकता है। ONDC लॉजिस्टिक्स पार्टनर्स की संख्या बढ़ाकर लागत कम कर रहा है।
तुलना से साफ है कि ONDC लागत में बेहतर है, लेकिन स्केल में पीछे। हालांकि, जैसे-जैसे ONDC बढ़ेगा, यह बड़े प्लेटफॉर्म्स को मजबूत चुनौती देगा।

ONDC के फायदे और चुनौतियां

फायदे

  • छोटे विक्रेताओं के लिए: किराना स्टोर्स डिजिटाइज हो सकते हैं। Kiko Live जैसे स्टार्टअप्स ONDC पर किराना को क्विक कॉमर्स से लड़ने में मदद करते हैं – 99% फिल रेट, 1.35 लाख ऑर्डर।
  • समावेशिता: टियर-2/3 शहरों में पहुंच। 5,000 FPOs (Farmer Producer Organizations) जुड़े।
  • क्रांति: FMCG का 40% ऑनलाइन होगा 2030 तक। ONDC D2C ब्रांड्स को बूस्ट देगा।
  • गवर्नमेंट सपोर्ट: 150 करोड़ सब्सिडी, MSMEs के लिए ट्रेनिंग।
अतिरिक्त फायदे: ONDC पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देता है, जैसे ईको-फ्रेंडली पैकेजिंग और लोकल डिलीवरी से कार्बन फुटप्रिंट कम करना।

चुनौतियां

  • स्केलिंग: मासिक ऑर्डर गिरे (31% गिरावट अक्टूबर 2024-फरवरी 2025)
  • लीडरशिप: CEO, CBO इस्तीफे।
  • ट्रस्ट: बड़े प्लेटफॉर्म्स की तरह ब्रांडिंग नहीं।
  • इंफ्रास्ट्रक्चर: क्विक कॉमर्स के लिए डार्क स्टोर्स की जरूरत, जो ONDC पर आसान नहीं।
  • अन्य चुनौतियां: डेटा सिक्योरिटी और फ्रॉड रोकथाम में सुधार की जरूरत, क्योंकि ओपन नेटवर्क अधिक जोखिम लाता है।
ONDC की सफलता इंटीग्रेशन और यूजर एडॉप्शन पर निर्भर है। सरकार और प्राइवेट सेक्टर के सहयोग से ये चुनौतियां दूर की जा सकती हैं।

भारत के ई-कॉमर्स पर ONDC का प्रभाव

ONDC भारत के ई-कॉमर्स को बदल सकता है।

  • मोनोपॉली तोड़ना: Amazon/Flipkart का 60% शेयर। ONDC छोटे रिटेलर्स को सशक्त बनाकर प्रतिस्पर्धा बढ़ाएगा।
  • MSMEs की ग्रोथ: 2 मिलियन रिटेलर्स को ई-कॉमर्स इंफ्रास्ट्रक्चर, 250 मिलियन खरीदार। Flipkart की रिपोर्ट: MSMEs लोकल से नेशनल जा रहे हैं।
  • क्विक कॉमर्स: Uber, Blinkit, Zepto की प्रतिस्पर्धा में ONDC रोल। 2023 में 652 मिलियन डॉलर का बाजार 2030 तक 20 बिलियन।
  • सोशल मीडिया रिएक्शन: X पर चर्चा लोग ONDC को सस्ता मानते हैं, लेकिन Amazon/Flipkart की सुविधा पसंद।
  • फेस्टिव सीजन: 2025 में Flipkart Big Billion Days vs ONDC Mega Sale – ONDC रिकॉर्ड बना सकता है।
  • अतिरिक्त प्रभाव: ONDC महिलाओं और ग्रामीण उद्यमियों को सशक्त बना रहा है, जहां महिला-स्वामित्व वाले बिजनेस 20% बढ़े हैं। यह रोजगार सृजन भी करेगा, अनुमानित 1 करोड़ नौकरियां 2030 तक।
ONDC से ई-कॉमर्स अधिक समावेशी बनेगा, लेकिन Amazon/Flipkart सह-अस्तित्व में रहेंगे।

भविष्य की संभावनाएं: 2030 तक क्या होगा?

2030 तक भारत का ई-कॉमर्स 350 बिलियन डॉलर का होगा। ONDC का रोल:

  • को-एग्जिस्टेंस: ONDC और Amazon/Flipkart अलग यूज केस – ONDC लोकल, वे ग्लोबल।
  • इनोवेशन: ONDC से क्विक कॉमर्स, B2B ग्रोथ। eB2B 100 बिलियन डॉलर तक।
  • ग्लोबल इम्पैक्ट: ONDC दुनिया के लिए मॉडल, जैसे UPI
  • चुनौतियां: डेटा प्राइवेसी, इंफ्रा। लेकिन DPI से सफलता संभव।
  • भविष्य ट्रेंड्स: AI और मेटावर्स का एकीकरण, जहां ONDC वर्चुअल शॉपिंग को सुलभ बनाएगा। 5G और IoT से डिलीवरी और अधिक तेज होगी।
2025 फेस्टिव सीजन ONDC के लिए टेस्ट होगा।

निष्कर्ष: हां, ई-कॉमर्स बदलेगा लेकिन धीरे-धीरे

ONDC vs Amazon vs Flipkart की लड़ाई भारत के ई-कॉमर्स को अधिक न्यायपूर्ण बनाएगी। ONDC छोटे विक्रेताओं को मौका देगा, कमीशन कम करेगा और प्रतिस्पर्धा बढ़ाएगा। लेकिन Amazon/Flipkart की मजबूत इंफ्रा और ब्रांडिंग से चुनौती बनी रहेगी। हां, भारत का ई-कॉमर्स बदलेगा अधिक समावेशी, सस्ता और ओपन बनेगा। विक्रेताओं को ONDC जॉइन करने की सलाह: ONDC की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। भविष्य उज्ज्वल है, लेकिन सफलता एडॉप्शन पर निर्भर। इसके अलावा, उपभोक्ताओं को सलाह है कि वे विभिन्न प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करके सर्वोत्तम डील्स ढूंढें।

नोट:- यह ब्लॉग केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। बाजार डेटा समय के साथ बदल सकता है, इसलिए नवीनतम अपडेट्स के लिए आधिकारिक स्रोतों की जांच करें।

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