Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

Responsive Advertisement

दिवाली बनी विश्व धरोहर: यूनेस्को ने दीपावली को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किया - भारत का गौरव बढ़ा!

आज 10 दिसंबर 2025 का दिन भारतीय संस्कृति के लिए एक ऐतिहासिक पल बन गया है। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने भारत के सबसे प्रिय त्योहार दीपावली (दिवाली) को अपनी प्रतिनिधि सूची में अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (इंटैंजिबल कल्चरल हेरिटेज – ICH) के रूप में शामिल कर लिया है। यह भारत की 16वीं ऐसी सांस्कृतिक धरोहर है जो इस प्रतिष्ठित सूची में स्थान पा रही है। दिल्ली के लाल किले में आयोजित 20वें अंतर-सरकारी समिति सत्र के दौरान यह घोषणा की गई, जहां 180 से अधिक देशों के 1000 से ज्यादा प्रतिनिधि मौजूद थे।

यह खबर न सिर्फ भारत में उत्साह का संचार कर रही है, बल्कि सोशल मीडिया पर #DiwaliUNESCO और #DeepavaliHeritage जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे "हमारी सभ्यता की आत्मा" बताते हुए बधाई दी है। आइए, इस ऐतिहासिक घटना की पूरी कहानी, महत्व, परंपराओं और वैश्विक प्रभाव को विस्तार से समझते हैं।

दीपावली का जादू: रोशनी का त्योहार जो दुनिया को जोड़ता है

दीपावली, जिसे दिवाली के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म का सबसे बड़ा और सबसे चमकदार त्योहार है। यह कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है, जो आमतौर पर अक्टूबर-नवंबर के बीच पड़ता है। त्योहार का मूल संदेश है - अंधकार पर प्रकाश की, बुराई पर अच्छाई की, और निराशा पर आशा की जीत। रामायण की कथा के अनुसार, यह भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है, जब पूरे शहर को दीयों से सजाया गया था।

भारत के अलावा, नेपाल, श्रीलंका, मलेशिया, सिंगापुर, फिजी, मॉरीशस और त्रिनिदाद जैसे देशों में भी दीपावली बड़े उत्साह से मनाई जाती है। यहां लोग घरों को साफ-सुथरा करते हैं, रंगोली बनाते हैं, मिट्टी के दीये जलाते हैं, पटाखे फोड़ते हैं, मिठाइयां बांटते हैं और लक्ष्मी पूजा करते हैं। यह सिर्फ एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि सामाजिक एकता का प्रतीक है। परिवार इकट्ठा होते हैं, पड़ोसी आपस में मिलते हैं, और समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

यूनेस्को की ICH सूची में शामिल होने का मतलब है कि दीपावली अब वैश्विक स्तर पर संरक्षित और प्रचारित की जाएगी। यह सूची 2003 में शुरू की गई थी, जो अमूर्त धरोहरों जैसे मौखिक परंपराओं, प्रदर्शन कला, सामाजिक रीति-रिवाजों, उत्सवों, प्रकृति से जुड़े ज्ञान और पारंपरिक शिल्पों को मान्यता देती है। यूनेस्को के अनुसार, अमूर्त सांस्कृतिक विरासत "परंपरागत, समकालीन और जीवंत" होती है, जो समुदाय-आधारित होती है और वैश्वीकरण के दौर में सांस्कृतिक विविधता को बनाए रखने में मदद करती है।

यह भी पढ़े:- दिल्ली-NCR में IMD का Cold Wave Alert: कड़ाके की ठंड और घना कोहरा - हेल्थ, ड्राइविंग टिप्स और कब तक राहत?

यूनेस्को की घोषणा: दिल्ली के लाल किले से निकला वैश्विक संदेश

10 दिसंबर 2025 को दिल्ली के लाल किले में आयोजित समिति सत्र में भारत ने पहली बार इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन की मेजबानी की। संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में चली चर्चा के बाद दीपावली को सूची में शामिल किया गया। यूनेस्को ने ट्वीट कर कहा, "नई इंटैंजिबल हेरिटेज लिस्ट में दीपावली, भारत - बधाई हो!"

इस सत्र में 79 देशों से 67 नामांकनों पर विचार किया गया, जिनमें से 24 को सूची में स्थान मिला। दीपावली के अलावा इराक का अल-मुहैबिस, जॉर्डन का अल-मिहरास ट्री और कुवैत का दिवानिया जैसे अन्य तत्व भी शामिल हुए। लेकिन भारत के लिए यह पल खास था, क्योंकि यह हमारी 16वीं प्रविष्टि है। इससे पहले की सूची में शामिल भारतीय धरोहरें हैं:

क्रमांक

भारतीय धरोहर

वर्ष

1

कुटियाट्टम संस्कृत थिएटर

2008

2

रामलीला

2008

3

वेदिक चैंटिंग

2008

4

गढ़वाल का राममान उत्सव

2009

5

छऊ नृत्य

2010

6

राजस्थान का कल्बेलिया नृत्य

2010

7

केरल का मुदियेट्टू

2010

8

लद्दाख का बौद्ध चैंटिंग

2012

9

मणिपुर का संकीर्तन

2013

10

पंजाब के थाथेरा का तांबा-पीतल शिल्प

2014

11

नवरोज

2016

12

कुंभ मेला

2017

13

कोलकाता की दुर्गा पूजा

2021

14

गुजरात का गरबा

2023

15

योग

2016

16

दीपावली

2025

यह तालिका दर्शाती है कि कैसे भारत की सांस्कृतिक विविधता धीरे-धीरे वैश्विक पटल पर उभर रही है। यूनेस्को के महानिदेशक ऑड्रे अजुले ने कहा, "दीपावली जैसे उत्सव अंतर-संस्कृतिक संवाद को बढ़ावा देते हैं और विभिन्न जीवन शैलियों के लिए सम्मान जगाते हैं।"

यह भी पढ़े:- IndiGoFlight Crisis 2025: 2000+ फ्लाइट्स कैंसल, क्यों? पैसेंजर्स को रिफंड, कंपेंसेशन औरइमरजेंसी गाइड

नेताओं की प्रतिक्रियाएं: गर्व और उत्साह का माहौल

इस घोषणा के बाद पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, "दीपावली हमारी संस्कृति और मूल्यों से गहराई से जुड़ी हुई है। यह हमारी सभ्यता की आत्मा है। यह प्रकाश और धार्मिकता का प्रतीक है। यूनेस्को की ICH सूची में दीपावली को शामिल करने से त्योहार की वैश्विक लोकप्रियता और बढ़ेगी। भगवान श्री राम के आदर्श हमें हमेशा मार्गदर्शन करते रहें।"

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, "दीपावली को यूनेस्को ICH सूची में शामिल करना त्योहार की अपार सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक महत्वता का मान्यता है। यह लोगों को एकजुट करने वाली भूमिका को रेखांकित करता है।" संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इसे "ऐतिहासिक" बताते हुए कहा, "पीएम मोदी के कार्यकाल में भारत की सांस्कृतिक धरोहर को अभूतपूर्व वैश्विक मान्यता मिल रही है। यह मील का पत्थर है।"

सोशल मीडिया पर भी हंगामा मच गया। मिनिस्ट्री ऑफ इंफॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग ने पोस्ट किया, "ब्रेकिंग: दिवाली अब आधिकारिक रूप से यूनेस्को की ICH सूची में शामिल! भारत के लिए गौरव का पल!" पत्रकार सिद्धांत सिबल ने लिखा, "दीपावली आधिकारिक रूप से यूनेस्को की ICH सूची में।" यूनाइटेड नेशंस इन इंडिया ने वीडियो शेयर कर कहा, "लाल किले पर जश्न, दीपावली भारत की 16वीं ICH धरोहर बनी।"

ये प्रतिक्रियाएं दर्शाती हैं कि यह सिर्फ एक सम्मान नहीं, बल्कि भारतीय पहचान का वैश्विक उत्सव है।

यह भी पढ़े:- क्राफ्टन का ₹1800 करोड़का मेगा निवेश: 2030 तक भारत कैसे बनेगा दुनिया का गेमिंग

दीपावली की परंपराएं: घर-घर रोशनी का संदेश

दीपावली की तैयारी महीनों पहले शुरू हो जाती है। पहले दिन (धनतेरस) सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है। दूसरे दिन (नरक चतुर्दशी) यमराज की पूजा होती है। मुख्य अमावस्या पर लक्ष्मी-गणेश पूजा, दीये जलाना और पटाखे फोड़ना होता है। अगले दिन भाई-बहन का गोवर्धन पूजा और फिर भाई दूज।

क्षेत्रीय विविधता भी कमाल की है। उत्तर भारत में रामलीला का मंचन होता है, तो दक्षिण में नरकासुर वध की कथा। गुजरात में न्यू ईयर मनाया जाता है, जबकि बंगाल में काली पूजा। नेपाली समुदाय में भैटीका का रिवाज है। ये सभी परंपराएं समुदाय को जोड़ती हैं और पर्यावरण संरक्षण (जैसे पटाखों पर प्रतिबंध) जैसे आधुनिक मुद्दों से जुड़ रही हैं।

यूनेस्को ने दीपावली को "रोशनी का त्योहार" बताते हुए कहा, "यह विविध व्यक्तियों और समुदायों द्वारा मनाया जाता है, जो वर्ष की अंतिम फसल और नए वर्ष-मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। लोग घरों और सार्वजनिक स्थानों को साफ-सुथरा करते हैं, दीये जलाते हैं, आतिशबाजी करते हैं और समृद्धि व नई शुरुआत के लिए प्रार्थना करते हैं।"

वैश्विक महत्व: सांस्कृतिक कूटनीति का नया अध्याय

यह मान्यता भारत की सॉफ्ट पावर को मजबूत करती है। आज दुनिया में 30 मिलियन से ज्यादा भारतीय प्रवासी हैं, जो दीपावली को वैश्विक बनाते हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा में दिवाली छुट्टी का दर्जा मिल चुका है। यूनेस्को की ICH सूची में शामिल होने से पर्यटन बढ़ेगा - लोग अब दीपावली के दौरान भारत घूमेंगे, जैसे कुंभ मेला के बाद हुआ।

यह वैश्वीकरण के दौर में सांस्कृतिक विविधता की रक्षा का संदेश भी देता है। यूनेस्को के अनुसार, ऐसी धरोहरें "अंतर-संस्कृतिक संवाद" को बढ़ावा देती हैं। भारत ने छठ महापर्व को भी नामांकित किया है, जो अगले वर्ष सूची में आ सकता है।

यह भी पढ़े:- दिल्ली-NCR में IMD का Cold Wave Alert: कड़ाके की ठंड और घना कोहरा - हेल्थ, ड्राइविंग टिप्स और कब तक राहत?

चुनौतियां और भविष्य: संरक्षण की जिम्मेदारी

हालांकि खुशी का पल है, लेकिन चुनौतियां भी हैं। प्रदूषण (पटाखों से), प्लास्टिक का उपयोग और कमर्शियलाइजेशन (महंगे उपहार) त्योहार के मूल को प्रभावित कर रहे हैं। यूनेस्को की ICH सूची में शामिल होने से संरक्षण के प्रयास तेज होंगे - जैसे कम्युनिटी-बेस्ड प्रोग्राम, आर्टिसन्स को प्रोत्साहन।

सरकार ने लाल किले सत्र के जरिए भारत को सांस्कृतिक नीति का हब बनाया। अब स्कूलों में दीपावली की कहानियां पढ़ाई जाएंगी, और वैश्विक स्तर पर वर्कशॉप होंगे।

निष्कर्ष: रोशनी का संदेश फैलाते रहें

दीपावली का यूनेस्को ICH सूची में शामिल होना सिर्फ एक पुरस्कार नहीं, बल्कि हमारी विरासत का वैश्विक मान्यता है। यह हमें याद दिलाता है कि हमारी परंपराएं कितनी जीवंत और सार्वभौमिक हैं। जैसे राम के अयोध्या लौटने पर दीये जले थे, वैसे ही आज पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति की रोशनी फैल रही है।

यह त्योहार हमें सिखाता है – हर अंधेरी रात के बाद सुबह होती है। जय श्री राम!

नोट:-यह पूरी खबर यूनेस्को की आधिकारिक घोषणा, द हिंदू, इंडियन एक्सप्रेस, टाइम्स ऑफ इंडिया, डीडब्ल्यू, न्यू इंडियन एक्सप्रेस, स्क्रॉल.इन, हिंदुस्तान टाइम्स, इंडिया टुडे, ऑर्गनाइजर, द न्यूज मिल, एक्स (ट्विटर) पर मिनिस्ट्री ऑफ इंफॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग, यूनाइटेड नेशंस इन इंडिया, सिद्धांत सिबल, अकाशवाणी और गुजरात टूरिज्म के पोस्ट्स, तथा दिसंबर 10, 2025 तक के लाइव अपडेट्स के आधार पर तैयार की गई है। सभी आंकड़े और तथ्य सत्यापित स्रोतों से लिए गए हैं।

यह भी पढ़े:-

दिल्ली-NCR में IMD का Cold Wave Alert: कड़ाके की ठंड और घना कोहरा - हेल्थ, ड्राइविंग टिप्स और कब तक राहत?

IndiGoFlight Crisis 2025: 2000+ फ्लाइट्स कैंसल, क्यों? पैसेंजर्स को रिफंड, कंपेंसेशन औरइमरजेंसी गाइड

क्राफ्टन का ₹1800 करोड़का मेगा निवेश: 2030 तक भारत कैसे बनेगा दुनिया का गेमिंग

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ