2025 का सबसे बड़ा सोलर इक्लिप्स इवेंट: भारत में कब और कैसे दिखाई देगा?
परिचय: आकाशीय चमत्कार की दुनिया में एक झलक जैसा कि हम सब जानते है कि सूर्य ग्रहण, या सोलर इक्लिप्स, वह क्षण है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, और सूर्य का प्रकाश अस्थायी रूप से छिप जाता है। यह न केवल एक वैज्ञानिक घटना है, बल्कि प्राचीन काल से मानव संस्कृतियों में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। 2025 में, दो सोलर इक्लिप्स होने वाले हैं, जिनमें से मार्च 29 का पार्श्व सोलर इक्लिप्स मैग्नीट्यूड 0.9376 के साथ सबसे बड़ा माना जा सकता है, क्योंकि इसकी छाया सबसे व्यापक क्षेत्र को कवर करती है। लेकिन भारत के लिए एक दुखद खबर: न तो मार्च का और न ही सितंबर का सोलर इक्लिप्स यहां दिखाई देगा। फिर भी, यह घटना वैश्विक स्तर पर रोमांचक है, और हम इसे ऑनलाइन या सिमुलेशन के माध्यम से अनुभव कर सकते हैं। इस पोस्ट में, हम 2025 के इस 'सबसे बड़े' सोलर इक्लिप्स इवेंट की गहराई में उतरेंगे। हम समझेंगे कि यह कब और कैसे होता है, भारत में क्यों नहीं दिखेगा, वैश्विक दृश्यता क्या है, सुरक्षा कैसे बरतें, और भारतीय संस्कृति में इसका क्या स्थान है। हम इतिहास, विज्ञान और भविष्य की झलक भी देंगे...